मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं - रोटी, कपड़ा और मकान | इसके अतिरिक्त बहुत ही आवश्यक है शिक्षा और स्वास्थ्य | लेकिन इन मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा कैसे किया जाय ? इनको पूरा करने के लिए जो सबसे आवश्यक चीज है, वह है धन | बिना धन के जीवन में कुछ भी नहीं किया जा सकता | चाहे भोजन के लिए आवश्यक वस्तुएँ खरीदनी हो या पहनने के लिए कपड़े, चाहे स्कूल की फीस देनी हो या क्रय करनी हो जीवन रक्षक दवाएं, धन के बिना संभव नहीं | धन अगर मानव जीवन में इतनी आवश्यक चीज है तो उसका उचित प्रबन्धन उससे भी आवश्यक है | पहले व्यक्ति को धन के आगमन के साधनों पर विचार करना चाहिए | कौन-कौन से धन को प्राप्त करने के वैकल्पिक साधन हो सकते हैं | ये वैकल्पिक साधन हो सकते हैं - कृषि आय, सैलरी, बिजनेस आय, वस्तु क्रय-विक्रय, सलाहकार इत्यादि | इन विकल्पक साधनों में से व्यक्ति को अपनी आवश्यकता एवं क्षमता के अनुसार विकल्पों का चयन करना चाहिए | जब व्यक्ति अपनी आय का साधन तय कर लेता है और धन का आगमन प्रारम्भ हो जाता है, तो उसे उसके उचित प्रकार से व्यय करने ध्यान देना चाहिए | अपनी आय के अनुरूप ही व्यय करना चाहिए | आय से अधिक व्यय करने पर व्यक्ति कर्ज के जाल में फँस जाता है | इस लिए उसे अपनी आवश्यकताओं को अपने आय के अनुरूप ही रखनी चाहिए | व्यक्ति को अपने भविष्य की आवश्यकताओं और आकस्मिक आवश्यकताओं को लिये बचत करनी चाहिए | व्यक्ति की आय और व्यय का अन्तर बचत कहलाता है | भविष्य की आवश्यकताएँ जैसे- घर बनाना, बच्चों की पढ़ाई, बीमारी, सेवा-निवृत्ति (रिटायर्मेंट) इत्यादि | इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बचत करना आवश्यक होता है | बचत की राशि को या तो हम अपने पास रख सकते हैं या उसे उचित रूप में निवेश कर सकते हैं | यदि धन को अपने पास रखते हैं तो वह ज्यों का त्यों पड़ा रहता है और यदि हम उसका निवेश करते है तो वह हमारी आय का साधन बन जाता है | हमें निवेश करते समय अपने धन वापसी के सम्बन्ध में विचार कर लेना चाहिए, जैसे हमें निवेशित धन की कब आवश्यकता होगी ? उससे क्या आय होगी ? हमारी क्या आवश्यकता है ? उस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कितना धन कहाँ, कब और कैसे निवेश करना है ? निवेश के कुछ साधन जैसे - जमीन-जायदाद, सोना-चाँदी, बैंक खाता, पोस्ट-ऑफिस, बीमा, म्युचुवल फण्ड इत्यादि हो सकते है | इन साधनों में से व्यक्ति को अपनी आय, आवश्यकता, जोखिम उठाने की क्षमता इत्यादि को ध्यान में रखते हुए चुनाव करना चाहिए | इस तरह धन के प्रबन्धन के सन्दर्भ में निम्नलिखित चार चीजों पर ध्यान देना चाहिए - 1. आय 2. व्यय 3. बचत 4. निवेश
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