मानव जीवन में लक्ष्य पूर्ति या सफलता प्राप्त करने का मूलमन्त्र है "कर्म" | श्रीमद् भगवतगीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं
" कर्मण्येव अधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" अर्थात्
मनुष्य को बिना फल की इच्छा किये हुए अपना कर्म करना चाहिए | इसका तात्पर्य है कि मनुष्य को अपने किये हुए कर्म का फल तो अवश्य ही मिलता है |
श्री रामचरित मानस में लिखा हुआ है "कर्म प्रधान विश्व करी राखा | जो जस करइ सो तस फल चाखा ||"
इसका भी तात्पर्य है कि जो जैसा कर्म करेगा, वैसा परिणाम उसके सामने प्रस्तुत होगा |
वर्तमान समय में हमारी जो भी स्थिति, परिस्थिति है, वह हमारे अब तक के किये गए कर्मों का परिणाम है | अपनी वर्तमान परिस्थिति के निर्माता हम स्वयं हैं | अब सोचना है कि
हमारी जो वर्तमान स्थिति, परिस्थिति है क्या हम उससे सन्तुष्ट हैं ? यदि उत्तर "हाँ" है, तो आशय स्पष्ट है कि अभी तक हमारे द्वारा किये गए कार्य हमारे लक्ष्य के अनुकूल हैं,
और यदि उत्तर "नहीं" में है तो स्पष्ट होता है कि हमारे द्वारा लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूर्ण प्रयास नहीं किया गया | जो समय बीत गया, उसकी चिन्ता छोड़ देनी चाहिए | क्योंकि
जो समय बीत गया उसमें कुछ नहीं किया जा सकता | केवल भूतकाल में की हुई गलतियों से सीख ली जा सकती है और यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में उस
तरह की गलतियाँ दुबारा
न होने पाये | सफलता प्राप्ति के लिए कुछ मुख्य बिन्दुओं को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए -
* हमेशा सोच सकारात्मक होनी चाहिए |
* भूतकाल में की हुई गलतियों की चिन्ता करते हुए समय नष्ट नहीं करना चाहिए |
* आज तक के किये हुए कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए और उसमें जो कमी रह गयी हो उसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए या जो गलतियाँ हो गयी हों उसे सुधारने का प्रयत्न करना
चाहिए |
* आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसलिए आलस्य से बचना चाहिए | कहा गया है -
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् |
अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतो सुखम् ||
भावार्थ है कि आलसी मनुष्य के पास विद्या नहीं हो सकती और जिसके पास विद्या नहीं उसके पास धन भी नहीं हो सकता और जिसके पास धन नहीं उसके पास मित्र भी नहीं हो सकते
और जिसके पास मित्र नहीं उसके पास सुख नहीं हो सकता | अर्थात् आलसी मनुष्य के पास कुछ भी सम्भव नहीं है |
* आज का कार्य आज ही करें | कल पर न टालें |
भूत को भूल जाइये, भविष्य की भी चिन्ता छोड़ दीजिये, वर्तमान को सँवारने का पूर्ण प्रयत्न कीजिए, सफलता आपके चरण चूमेगी |
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