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  • Navaratri : नवरात्रि

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    या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता |
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||

    जो देवी सभी प्राणियों में माता रूप से स्थित हैं, उनको बारम्बार नमस्कार है |

    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता |
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||

    जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको बारम्बार नमस्कार है |

    नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ होता है- नौ रातें | यह हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है | यह पर्व शक्ति की उपासना के रूप में मनाया जाता है | इस पर्व में तीन देवियों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की उपासना की जाती है | इस पर्व में शक्ति यानी इन तीन देवियों के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है | देवी के इन नौ स्वरूपों की उपासना नवरात्रि के नौ दिनों में होती है और प्रत्येक दिन देवी के एक-एक स्वरुप की उपासना की जाती है | नवरात्रि के बाद दसवें दिन यानी दशमी तिथि को दशहरा के रूप में मनाया जाता है | देवी के ये नौ स्वरुप और उनके उपासना दिन निम्नवत हैं -

    क्र.संख्या दिन तिथि देवी का रूप
    1. पहले दिन प्रतिपदा शैलपुत्री देवी
    2. दूसरे दिन द्वितीया ब्रह्मचारिणी देवी
    3. तीसरे दिन तृतीया चन्द्रघंटा देवी
    4. चौथे दिन चतुर्थी कुष्मांडा देवी
    5. पाँचवें दिन पंचमी स्कंदमाता देवी
    6. छठे दिन षष्ठी कात्यायनी देवी
    7. सातवें दिन सप्तमी कालरात्रि देवी
    8. आठवें दिन अष्टमी महागौरी देवी
    9. नवेँ दिन नवमी सिद्धिदात्री देवी

    नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है | साधारणतया लोग चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में जानते हैं, जबकि दो नवरात्रि और होती है, और वह है अषाढ़ नवरात्रि और माघ नवरात्रि, जिसे गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है | इस तरह वर्ष में कुल चार नवरात्रि हुई -

    1. चैत्र नवरात्रि - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल नवमी तक
    2. अषाढ़ नवरात्रि - अषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से आषाढ़ शुक्ल नवमी तक
    3. शारदीय नवरात्रि - आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आश्विन शुक्ल नवमी तक
    4. माघ नवरात्रि - माघ शुक्ल प्रतिपदा से माघ शुक्ल नवमी तक
    वासन्तिक नवरात्रि जो चैत्र में, और शारदीय नवरात्रि जो आश्विन मास में मनाई जाती है उसे प्रत्यक्ष नवरात्रि एवं अषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है | प्रत्यक्ष नवरात्रि में सात्विक साधना एवं गुप्त नवरात्रि में तान्त्रिक साधना का विशेष प्रावधान होता है | प्रत्यक्ष नवरात्रि में नवदुर्गा की और गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा, उपासना का विधान है | ये दस महाविद्याएँ निम्नवत हैं -

    क्र.संख्या देवी का रूप
    1 देवी काली
    2 देवी तारा
    3 देवी षोडशी (त्रिपुर सुन्दरी)
    4 देवी भुवनेश्वरी
    5 देवी भैरवी
    6 देवी छिन्नमस्ता
    7 देवी धूमावती
    8 देवी बगलामुखी
    9 देवी मातंगी
    10 देवी कमला

    

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